आज आंतरराष्ट्रीय महिला दिवस है। आजकी बात करे तो महिलाओं को आज भी कई बार अपनी इच्छाओं को दबाके दुसरो को खुश रखने की जिम्मेदारी आन पड़ती है।
अगर कुछ करनेकी तमन्ना भी रखे और उसे व्यक्त करें तो उसे ये कहकर चुप किया जाता है कि पहले परिवार को संभालो फिर कुछ बाहर काम करने की बात करना।
आज अगर कोईभी महिला को अकेले रहने में डर लगता है क्योंकि उन्हें अपनी सलामती का डर लगता है।
आज कई महिलाएं देशके ऊंचे पायदान पर है, क्यों? क्योकि उन्होंने किसी व्यक्ति या समाज की नही सुनी और अपने बलबूते पर ऊंचा मुकाम हांसिल किया।
आज के महिला दिवस पर उन महिलाओं को सन्मानित करता हु जिन्होंने अपने परिवारको तो संभाला ही साथ साथ देशके विभिन्न क्षेत्रों में अपना और अपने परिवार का नाम रोशन किया।
मा हो , बहन हो, पत्नी हो या फिर हो बेटी, महिला दिन सब महिलाओ को समर्पित है, जो किसी के दबाव में आये बिना अपनी ज़िंदगी को एक ऊंचे मुकाम पर ले गयी।
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